भारतीय शिक्षा बोर्ड की मान्यता, वैधता एवं राष्ट्रीय स्तर पर उसकी प्रतिष्ठा

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भारतीय शिक्षा बोर्ड की मान्यता

भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) एक राष्ट्रीय स्तर का स्कूल शिक्षा बोर्ड है, जिसे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना शिक्षा मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार के पत्र क्रमांक 3-16/2017-Skt-I दिनांक 06 मार्च 2019 के अनुसार की गई थी।

यह बोर्ड देश के अन्य राष्ट्रीय और राज्य शिक्षा बोर्डों के समकक्ष मान्यता प्राप्त है, जिसकी पुष्टि भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) द्वारा पत्र संख्या AIU/EV/IN (1)/2022/BSB दिनांक 03 अगस्त 2022 में की गई है।

इसके अतिरिक्त, शिक्षा मंत्रालय ने दिनांक 03 फरवरी 2023 को पत्र संख्या F.11-3/2016-Sch.3 के माध्यम से भारतीय शिक्षा बोर्ड को राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के रूप में अधिसूचित किया है। यह जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट के “BOARDS” अनुभाग में भी प्रकाशित है।

भारतीय शिक्षा बोर्ड को भारत में स्कूल शिक्षा से संबंधित बोर्डों की परिषद (COBSE) की सदस्यता भी प्रदान की गई है, जिसका उल्लेख पत्र संख्या COBSE/C.389/2023 दिनांक 05 जनवरी 2023 में किया गया है।

इस प्रकार, भारतीय शिक्षा बोर्ड एक विधिपूर्वक स्थापित, मान्यता प्राप्त एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत शिक्षा निकाय है, जो समग्र एवं समसामयिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भारतीय शिक्षा बोर्ड कार्यकारी समिति के सदस्य

भारतीय शिक्षा बोर्ड का संचालन भारतीय शिक्षा बोर्ड सोसायटी के अंतर्गत होता है, जो सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1935 के तहत पंजीकृत है। इस संचालन समिति में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल हैं:

  1. स्वामी रामदेव जी
    अध्यक्ष (President)
    सुप्रसिद्ध योगगुरु एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी, भारतीय शिक्षा की पुनर्स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
  2. परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी
    उपाध्यक्ष (Vice President)
    आयुर्वेदाचार्य एवं पतंजलि संस्थान के प्रमुख, भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले।
  3. डॉ. नागेन्द्र प्रसाद सिंह (सेवानिवृत्त IAS)
    कार्यवाहक अध्यक्ष (Working President)
    प्रशासनिक सेवा के अनुभवी अधिकारी, जो शिक्षा प्रशासन में अनुशासन और नीति निर्धारण का योगदान दे रहे हैं।
  4. पद्मश्री डॉ. पूनम सूरी
    सदस्य (Member)
    शिक्षा एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित, डीएवी संस्था के अध्यक्ष और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की महत्ता के प्रबल पक्षधर।

भारतीय शिक्षा बोर्ड, भारत की सांस्कृतिक, शैक्षणिक और नैतिक विरासत को आधुनिक संदर्भों में पुनर्स्थापित करने हेतु एक समर्पित और सशक्त मंच के रूप में कार्य कर रहा है।

भारतीय शिक्षा बोर्ड VISION

“आत्मवत् सर्वभूतेषु”
(अर्थात् – सभी प्राणियों के सुख-दुख को अपने ही सुख-दुख के समान अनुभव करना चाहिए।)

भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) का दृष्टिकोण इसी उदात्त भावना पर आधारित है। बोर्ड का उद्देश्य विद्यार्थियों को इस प्रकार शिक्षित एवं सशक्त बनाना है कि वे जाति, भाषा, रंग, मज़हब आदि की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठ सकें और एक वैश्विक दृष्टिकोण (Vaishvik Drishtikone – A Global Vision) को आत्मसात करें, जो मानवता, सहिष्णुता, करुणा और समग्र विकास को बढ़ावा देता है।

यह दृष्टिकोण न केवल विद्यार्थियों को बेहतर नागरिक बनने में सहायक होगा, बल्कि उन्हें विश्व मंच पर भारतीय मूल्य प्रणाली और ज्ञान परंपरा के संवाहक के रूप में भी प्रस्तुत करेगा।

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