यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर कविता और इसके बारे में संक्षिप्त विवरण हिंदी में

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भारत विविधताओं का देश है – भाषा, धर्म, जाति, रीति-रिवाज, सब कुछ अलग, पर एकता में बंधा हुआ। ऐसे देश में जब कानून भी अलग-अलग धर्मों के आधार पर लागू हों, तो समानता की भावना को ठेस पहुँच सकती है। इसी असमानता को खत्म करने और “एक देश, एक कानून” के सपने को साकार करने की दिशा में UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड एक अहम कदम है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?

UCC का मतलब है समान नागरिक संहिता। इसका उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म, जाति या समुदाय कुछ भी हो। यह संहिता विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति और गोद लेने जैसे मामलों में सभी के लिए एक जैसा नियम निर्धारित करने की बात करती है।

क्यों जरूरी है UCC?

  • सभी नागरिकों को समान अधिकार देना
  • महिलाओं के अधिकारों की रक्षा
  • धार्मिक भेदभाव को खत्म करना
  • एक मजबूत और न्यायसंगत राष्ट्र की नींव रखना

UCC पर एक प्रेरणादायक कविता – “एक कानून, एक भारत”

धर्म के नाम पर बँटी ये दुनिया सारी,  
कानून भी चलें जैसे हों मज़हब की सवारी।  
कोई तलाक बोले तीन बार में,  
तो कोई बेटी को दे वारिसों की हार में।

क्यों न हो एक नियम, सबके लिए समान?  
जहाँ न हो भेदभाव, न कोई अपमान।  
नारी को मिले वो पूरा अधिकार,  
जो अब तक छीन लिया गया बहानों के पार।

यूनिफॉर्म सिविल कोड है उम्मीद की किरण,  
जहाँ हो न्याय, न बँटी धर्म की चरन।  
एक भारत, एक कानून की हो बुनियाद,  
तभी बनेगा सशक्त, संगठित यह देश आज़ाद।

धर्म रहे दिल में, कानून रहे देश में,  
न्याय हो सबके लिए, समान आदेश में।  
चलो मिलकर करें समर्थन इस संहिता का,  
ये है सपना हर सच्चे भारतीय का।  

निष्कर्ष

UCC पर बहस केवल राजनीतिक नहीं, यह सामाजिक समानता का सवाल है। यह समय है जब हम तर्क से सोचें, भावना से नहीं। यदि भारत को वाकई में आधुनिक, प्रगतिशील और समानतावादी राष्ट्र बनाना है, तो UCC उसकी नींव बन सकता है।

क्या आप तैयार हैं एक भारत, एक कानून की ओर कदम बढ़ाने के लिए?

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